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बुधवार, 14 नवंबर 2012

जिसका नाम लेकर गडकरी को बचाया वही निकला घोटालेबाज!...


नई दिल्ली. स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक एस गुरुमूर्ति ने अपनी वो ट्वीट डिलीट कर दी हैं जिनमें उन्होंने गडकरी को क्लीन चिट देने से इंकार किया था लेकिन इसी बीच नितिन गडकरी की मुसिबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एस गुरुमूर्ति ने जिस सख्श का हवाला देकर नितिन गडकरी को पाक साफ बताने की कोशिश की थी उस पर भी घोटालों के आरोप लगे हैं। 
 
एस गुरुमूर्ति ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में लिखे एक लेख में कहा था कि गडकरी पर बेनामी कंपनियों के जरिए अपनी कंपनी पूर्ति ग्रुप में निवेश करवाने का आरोप लगा है जो गलत है। गुरुमूर्ति के मुताबिक नितिन गडकरी की कंपनी में 
 
जिन 14 कंपनियों ने निवेश किया था उनके मालिक नागपुर के मनीष मेहता हैं। लेकिन अब एक टीवी चैनल की पड़ताल में पता चला है कि स्वयं मनीष मेहता पर बैंक और जमीन घोटाले के दो संगीन आरोप है। 
 
गुरुमूर्ति ने यह कहकर नितिन गडकरी को क्लीनचिट दी थी कि उनकी कंपनी पूर्ति पावर और शुगर लिमिटेड में निवेश करने वाली 14 कंपनिया बेनामी नहीं है। गुरुमूर्ति ने कहा था, 'मैंने कंपनियों के दस्तावेजों के कानूनी और नैतिक पहलुओं का अध्ययन किया है। जिनके आधार पर मैं कह सकता हूं कि नितिन गडकरी ने कुछ भी गलत नहीं किया है।'
 
गुरुमूर्ति के मुताबिक गडकरी के कंपनी में मनीष मेहता नाम के नागपुर के कारोबारी ने निवेश किया है। मनीष मेहता नागपुर के बड़े व्यापारी हैं और प्रतिष्ठित जैन परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गुरुमूर्ति के मुताबिक उनकी माली हैसियत 2 हजार करोड़ रुपये की है। मनीष मेहता का परिवार कई स्कूल भी चलाता है।
 
लेकिन करीब 40 साल के मनीष मेहता पर साल 2003 में बैंक घोटाले का आरोप लगा था जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को फर्जी दस्तावेज देकर कर्ज हासिल किया था। मेहता परिवार के ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी भी कर चुकी है।
 
मनीष मेहता पर नागपुर के सदर थाने में जमीन घोटाले का मामला भी दर्ज हुआ। मनीष मेहता पर नरेश ठाकरे ने नाम के व्यक्ति से करीब 100 एकड़ जमीन खरीदी। विक्रेता नरेश ठाकरे ने फर्जी दस्तावेजे के जरिए सरकारी जमीन बेची थी। मनीष मेहता ने इन जमीनों पर कर्ज ले लिया। मामला फिलहाल सीजेएम कोर्ट में चल रहा है। 
 

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Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 5:23 am Kategori:

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