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सोमवार, 27 अगस्त 2012

मर्दो के बनाए बाजार में पनपीं बदनाम बस्तियां

राजकुमार अवस्थी, भोपाल/ सरकार द्वारा देह व्यापार के कारोबार में लिप्त समाजों के उत्थानों के लिए करोड़ों की राशि हर वर्ष खर्च की जाती है, लेकिन नतीजा शून्य रहता है। पेट की आग की खातिर जिस्मफरोशी का धंधा जोरों से चल रहा है और शासन है कि उनके उत्थान के लिए ढेरों योजनाएं चला रहा है। लेकिन योजनाएं कहां क्रियान्वित हो रही हैं यह सोच का विषय है। रायसेन जिले में देह व्यापार के लिए चर्चित दो हजार की आबादी वाला गांव सूखा व पठारी में भी बेडि़या जाति की कमसिन बालाएं मंुहमांगे दामों पर आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। सांची के समीप सूखा गांव में शाम होते ही लक्जरी गाडि़यों व सफेदपोस नेताओं का आनाजाना शुरू हो जाता है और फिर लगने लगती है लड़कियों व युवतियों को देखकर उनकी बाली। कुछ लोग युवतियों के घरों में ही अपनी हवस की प्यास बुझाते हैं तो कई लोग गाडि़यों में बैठा अपने साथ ले जाते हैं। पुलिस भी सारा खेल देख कमाई करती रहती है। सूखा करार व पठारी में मां-बाप अपनी लड़कियों से ही देह व्यापार कराते हैं, बहुओं से नहीं। विश्व धरोहर के रूप में विख्यात सांची के पास देह व्यापार के लिए चर्चित सूखा करार की बात करें या विदिशा के दुलई, बासौदा के हथौड़ा, नया गोला, पलरिया और छीरखेड़ा हो सभी जगह बंजारा और बेडि़या जाति के लोग इस धंधे में लिप्त पाए जाते हैं। सांची के नजदीक बसा सूखा करार इस बात का गवाह है कि शाम ढलते ही सरपट दौड़ती गाडि़यां गांव की ओर रुख कर जाती हैं। देर रात आवाजाही का सिलसिला चलता रहता है। लगभग 800 की आबादी वाले गांव में बेडि़या जाति के लोग निवास करते हैं। इनका मुख्य कार्य शादी समारोह में नाच-गाने करना और उसकी आड़ में देह व्यापार किया जाता है। ग्राम पंचायत उचेर के अंतर्गत आने वाले गांव सूखा करार की सरपंच कृष्णा बाई का प्रयास है कि बेडि़या समाज के उत्थान के लिए शासन पहल करे और वह इसके लिए कई बार अफसरों के चक्कर लगा चुकी है। उनका कहना हैं कि पूर्वज इस धंधे में लिप्त थे। अब हम लोग छुटकारा पाना चाहते हैं। कई वर्ष पहले रायसेन के तत्कालीन कलेक्टर डीएस राय ने सूखा करार पहुंचकर रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सूखा करार की महिलाओं से राखी बंधवाई थी। उस दौरान उन्होंने सरकारी जमीन के पट्टे, पानी के हैण्डपंप जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं और इस समाज के उत्थान का प्रयास किया था। पट्टे की जमीन पर कई परिवार खेती किसानी करने लगे थे, लेकिन राजस्व विभाग के नुमाइंदों की मिलीभगत से ऐसे लोगों के पट्टे छीन लिए गए या इन लोगों ने जमीन को ओने-पौने दामों में बेंच दिया। विदिशा जिले के छीरखेड़ा, दुलई, हथौड़ा, नयागोला, पड़रिया में देह व्यापार का व्यवसाय जोरों पर फल-फूल रहा है। शासन द्वारा वैश्यवृत्ति के उत्थान के लिए लागू की गई। जबाली योजना फ्लाप साबित हुई है, न तो इन गांवों में कोई शिविर लगाए गए और न ही ऐसा कोई कार्य किया गया। जिससे देह व्यापार में लिप्त समुदाय अन्य कोई धंधा कर सकें।
शौक नहीं मजबूरी
राजगढ़ जिले की उन सैकड़ों महिलाओं की, जिन्हें इस घृणित धंधे से मुक्ति दिलाने हेतु किए गए सरकारी प्रयास नाकाफी सिद्ध हुए हैं। प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा देह व्यापार में लिप्त महिलाओं के उत्थान के प्रयास महज दिखावा साबित हो रहे हैं। जिला राजगढ़ के दर्जनों ग्राम इस घृणित धंधे की चपेट में है। यहां नट, बेडि़या, बछड़ा, कंजर और सांसी जाति की महिलाएं उन पर आश्रित परिवार के भरण-पोषण के लिए अपनी आबरू बेचती हैं और इसके लिए अपनी कोख से जन्मी बालाओं को भी प्रेरित करती हैं। जिले के नरसिंहगढ़ विकासखण्ड के सर्वाधिक 36 ग्रामों में महिलाएं देह बेचकर पेट पालती हैं। ब्लाक सारंगपुर के 18 ग्रामों में ब्यावरा ब्लाक के 6 ग्रामों में खिलचीपुर ब्लाक के दो ग्रामों में और राजगढ़ ब्लाक के 4 ग्रामों में महिलाएं पेट की खातिर आबरू बेचने को बाध्य हैं। इन परिवारों में शिक्षा का अभाव है ही साथ ही स्थिति दयनीय भी है। परिवार का पुरुष वर्ग भोजन के लिए इन्हीं महिलाओं के मोहताज है। नरसिंहगढ़ के ग्राम पाल्यादान, बेझड़, जावड़ा, बरनागढ़ तथा नादनपुरा, सेतखेड़ी, पीपलखेड़ा में नाईखेड़ा, गद्दीखेड़ी, बंगदिया तालाब, आगर, उदयपुरा, करोंदी में बेडि़या जाति की महिलाएं भी देहव्यापार से जुड़ी हुई हैं। राजगढ़ ब्लाक के अकेले मूड़ला गांव में बेडि़या जाति की महिलाएं देह व्यापार कर अपना गुजर बसर कर रही हैं। इतना ही नहीं राई नृत्य के साथ ही देह व्यापार को भी अपनी परंपरा में शामिल कर चुकी यह महिलाएं अपनी नाबालिग लड़कियों को अच्छे दाम मिलने पर इस धंधे में उतार देती हैं। from jagran bhopal

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5 comments:

Mohan Narvaria ने कहा…

Jankari ke sath kuriti aur samasya ko bakhubi ujagar kiya hai.

Unknown ने कहा…

शासन का शर्मनाक रवैया।
लेकिन अब बहुत जल्द हालात सुधरेंगे।

हिंदुस्तान जिंदाबाद

Unknown ने कहा…

शासन का शर्मनाक रवैया।
लेकिन अब बहुत जल्द हालात सुधरेंगे।

हिंदुस्तान जिंदाबाद

Unknown ने कहा…

Ab bhi bahut jyada kr rhi hai aap log bs neta bano

Unknown ने कहा…

Kabhi 1 ko bhi es daldal se nekala kisi ne

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