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मंगलवार, 1 जनवरी 2013

तीन माह ही रहता नामर्द बनाने वाली दवा का असर



नई दिल्ली । दिल्ली गैंगरेप के आरोपियों को नपुंसक बनाने यानि बधिया करने संबंधी कांग्रेस के प्रस्ताव के बाद इस मामले में नई बहस शुरु हो गई है। सांडों को बधिया करने का तरीका इंसानों के साथ नहीं अपनाया जा सकता । पुरुषों को दवाओं के जरिए नपुंसक बनाया जा सकता है,लेकिन यह दवा महज तीन माह तक अपना असर दिखाती है। सजा को निरंतर बनाए रखने के लिए अपराधी को हर तीन माह में संबंधित दवा की खुराक देना जरूरी है।  पुरुषों को नपुंसक बनाने के लिए एंटी-एंड्रोजन या फिर गर्भ निरोधक दिया जाता है। इसके लिए विश्वभर में सामान्यत: साइप्रोटेरोन या डेपा प्रोवेरा नाम की दवा दी जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक इस दवा से पुरुष 'बधिया' नहीं होता है बल्कि उसकी सेक्स क्षमता और इच्छा कम हो जाती है। यही नहीं इन दवाइयों का असर तीन माह में ही खत्म भी हो जाता है। यानि एक पुरुष को 'नामर्द' बनाए रखने के लिए हर तीन माह में यह दवा देना जरूरी हो जाता है। बलात्कार के दोषियों के मामलों में इस दवा को हर तीन महीने बाद देना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी हो जाएगी। विधि विशेषज्ञों के मुताबिक रसायनिक बधियाकरण का उद्देश्य बलात्कार के दोषी के मन में जीवनभर के लिए यह विचार बिठाना होता है कि उसने जो किया वो गलत किया। यही नहीं, जीव विज्ञान के विशेषज्ञ मानते हैं कि रासायनिक बधियाकरण फांसी की सजा या आजीवन कारावास से भी खतरनाक सजा है क्योंकि यह दोषी को मानसिक रूप से परेशान कर देता है। रासायनिक रूप से बधिया किए गए लोग हर पल अपने अपराध के अहसास के साथ जीते हैं। इस तरीके का इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में किया गया है। जहां अपराध के दोबारा होने की संभावना अधिक होती है वहीं इस तरीके का इस्तेमाल किया जाता है। जिन लोगों का रासायनिक बधियाकरण किया गया उन्होंने अपने जीवन में दोबारा कभी ऐसा अपराध नहीं किया। रसायनिक बधियाकरण को सबसे पहले 1966 में अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद फ्लोरिडा, जॉर्जिया, आयोवा, लूजियाना, मोंटाना, ओरेगॉन और टेक्सास समेत कई अन्य राज्यों में भी इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया। सबसे पहले बाल यौन शोषण के एक आरोपी को रसायन का इस्तेमाल करके बधिया किया गया था। लेकिन भारत में इसे कानूनी जामा पहनाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी। कांग्रेस ने इस संबंध में प्रस्ताव लाने की बात तो की है, लेकिन घोषणाओं पर अमल का उसका रिकॉर्ड निराश करने वाला ही है। हालांकि इस मामले में भाजपा उसके साथ दिखाई दे रही है। पार्टी के नेता वेंकैया नायडू ने सोमवार को बलात्कारियों के लिए इस सजा की वकालत की। लेकिन देखना है कि इसे कानून के रूप लेने में कितना वक्त लगता है?


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Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 10:04 pm Kategori:

5 comments:

Unknown ने कहा…

Thanks for sharing very useful post. Get rid of impotence with the help of hard rock capsule.

Unknown ने कहा…

very important information. Consider using herbal supplement of male sexual dysfunction. It targets the underlying cause of erectile dysfunction.

Unknown ने कहा…

Daba Ka name sir

बेनामी ने कहा…

Kitna table kena hota h

बेनामी ने कहा…

Kitani tebalet de or kitane amji ki

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