sponsor

बुधवार, 1 अगस्त 2018

गैस त्रासदी : तत्कालीन कलेक्टर रहे मोती सिंह और एसपी

भोपाल.भोपाल गैस त्रासदी के दौरान तत्कालीन कलेक्टर रहे मोती सिंह और एसपी स्वराज पुरी को जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दोनों के ख़िलाफ भोपाल ज़िला अदालत में चल रहे आपराधिक मामले बंद करने का आदेश दिया है। इन दोनों अफसरों के ख़िलाफ यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन चीफ वॉरेन एंडरसन को भागने में मदद करने का आरोप था।

2 और 3 दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात के भोपाल में घटी भीषण गैस त्रासदी दौरान मोती सिंह कलेक्टर और स्वराज पुरी एसपी थे। यूनियन कार्बाइड से रिसी 'मिक' गैस के कारण हज़ारों लोगों की मौत हो गयी थी। हादसे के बाद यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन चीफ वॉरेन एंडरसन भोपाल आया था। मौके का मुआयना कर वो आनन-फानन में यहां से रवाना भी हो गया था। एंडरसन को भगाने में मदद करने का आरोप इन दोनों तत्कालीन अफसरों कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वराज पुरी पर भी लगा था।

26 साल बाद लिया गया था मामले का संज्ञान : मोती सिंह और स्वराज पुरी के ख़िलाफ भोपाल ज़िला अदालत में कंप्लेंट केस दर्ज हुआ था। उनके ख़िलाफ धारा 212, 217 और 221 के तहत परिवाद दर्ज हुआ था। भोपाल ज़िला अदालत की कार्यवाही को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी। याचिका में दलील दी गयी थी कि इस मामले में 26 साल बाद संज्ञान लिया गया। जबकि कानून के मुताबिक घटना के तीन साल के भीतर कार्यवाही की जाना चाहिए थी। ये भी कहा गया कि शिकायत निराधार और सिर्फ पत्रिकाओं, समाचार पत्रों और किताबों में छपी कहानी के आधार पर की गयी थी।

3828 लोगों की हो चुकी है मौत : सरकारी भोपाल में घटी सदी की उस भीषण त्रासदी में सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 3828 लोगों की मौत और 18,922 लोग जीवन भर के लिए बीमार हो गए. इनके अलावा 7172 लोग निशक्त हो गए थे।

ads

Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 4:01 am Kategori:

Entri Populer