भोपाल। पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) द्वारा 22 से 24 मार्च 2018 तक जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में जलवायु परिवर्तन पर केन्द्रित यह पहली संगोष्ठी है जिसमें वन, जैव विविधता कृषि, पशुपालन, जल और ऊर्जा संरक्षण, सामाजिक-आर्थिक प्रभाव, तकनीक एवं नवाचार तथा मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को तकनीकी सत्रों, प्रदर्शनी और पोस्टर के माध्यम से बताया जायेगा। पर्यावरण मंत्री श्री अन्तर सिंह आर्य एप्को परिसर में 22 मार्च को शाम 4 बजे संगोष्ठी का शुभारंभ करेंगे।
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मुख्य बिंदु
* जलवायु परिवर्तन पर 22, 23, 24 मार्च को राष्ट्रीय संगोष्ठी।
* मध्यप्रदेश की 9 थीमों पर केन्द्रित होगी संगोष्ठी।
* थीमों के श्रेष्ठ पोस्टर एवं शोध पत्रों को सम्मानित किया जायेगा।
* चयनित 145 शोध पत्रों की पुस्तक प्रकाशित होगी।
* देश-प्रदेश के 200 शोधार्थी भाग लेंगे।
* एप्को के जलवायु परिवर्तन पीएचडी छात्रों को फैलोशिप प्रमाण-पत्र और राशि भी दी जायेगी।
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महानिदेशक एप्को अनुपम राजन ने बताया की राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और उनके समाधान के तरीकों का अनुसंधान और संकलन करना हैं। इससे विभिन्न क्षेत्रों में चल रही परियोजनाओं में इसका उपयोग किया जा सके। संगोष्ठी में देश-प्रदेश के लगभग 200 शोधार्थी भाग ले रहे हैं।
सभी थीमों के श्रेष्ठ पोस्टर एवं शोध पत्रों का चयन कर प्रतिभागियो को सम्मानित भी किया जायेगा। इसके लिए दस सदस्यीय अकादमिक समिति बनाई गई है। अकादमिक समिति द्वारा चयनित 145 से अधिक शोध पत्रों की एक पुस्तक प्रकाशित कर प्रतिभागियों को वितरित की जायेगी।
राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रदेश के शोध एवं अकादमी संस्थायें-भारतीय वन प्रंबंधन संस्थान, योजना एवं वास्तुकला विद्यालय, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय और बरकतुल्लाह विश्व विद्यालय द्वारा तकनीकी समन्वय किया जा रहा हैं। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सलाहकार जलवायु परिवर्तन मिशन के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. अखिलेश गुप्ता और डॉ. निशा मेंदीरत्ता जलवायु परिवर्तन के प्रभाव एवं शोध की नई तकनीकों के बारे बतायेंगे।
उद्घाटन सत्र में एप्को द्वारा जलवायु परिवर्तन पर पीएचडी के लिये प्रारंभ किये गये फैलोशिप कार्यक्रम के चयनित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और राशि भी प्रदान की जायेगी।(File Photo)

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