
बीते सप्ताह करीब सवा सौ अधिकारियों को फील्ड में भेजे जाने के बाद यहां नरोन्हा प्रशासन अकादमी में कृषि टास्क फोर्स की पहली बैठक हुई। इसमें फील्ड में गए उक्त अधिकारियों के अलावा विषय विशेषज्ञ भी मौजूद थे। दिन भर चले मंथन के बाद जो रोडमेप बना वह इस प्रकार है..
*मार्च 2017 तक सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिये जायेंगे। *किसानों को बिजली के स्थाई कनेक्शन देने की व्यवस्था की जायेगी। इसके लिये एक अभियान चलाया जायेगा। *किसानों को सोलर पम्प लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके लिये उन्हें अनुदान भी दिया जायेगा। *उद्यानिकी और कृषि उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये राज्य स्तरीय संस्था का गठन किया जायेगा। यह संस्था भारत सरकार की एपीडा संस्था की तरह कार्य करेगी। *किसानों के लिये चल रही छोटी.छोटी अनुदान योजनाओं को समाप्त कर बड़ी योजनाओं में समाहित किया जायेगा।
*सभी किसानों को को.ऑपरेटिव सोसायटी के नेटवर्क में लाने के लिये अभियान चलाया जायेगा। *लीज या किराये पर खेती की भूमि देने और लेने की प्रक्रिया को कानूनी रूप देने के लिये भू.राजस्व संहिता में उपयुक्त संशोधन किया जायेगा। *23 हजार ग्राम पंचायत में से प्रत्येक में एक खाद्य प्र.संस्करण इकाई स्थापित की जायेगी। इससे स्थानीय स्तर पर उपलब्ध उत्पाद का मूल्य संवर्धन होगा।* मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में स्थानीय युवाओं को इसके लिये प्रोत्साहित किया जायेगा।उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण दिया जायेगा।
* मिल्क रूट में वृद्धि करने के साथ ही सब्जीए फल और पुष्प रूट भी विकसित किये जायेंगे। साथ ही उनके फेडरेशन बनाये जायेंगे। अब डेरी इकाई स्थापित करने के लिये कम से कम पाँच गाय या भैंस दी जायेगी ताकि यह फायदे का धंधा बने।* मंडियों में फल.सब्जी के लिये अलग से स्थान होगा। हर जिले में फल.सब्जी की एक आधुनिक सुविधायुक्त आदर्श मंडी होगी। *मंडियों में अनावश्यक ज्यादा आढ़त काटने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। *पानी बचाने के लिये अगले तीन साल में सघन अभियान चलेगा। अभियान में नई संरचनाएँ बनाई जायेंगी और पुरानी संरचनाओं में सुधार होगा।
*ड्रिप सिंचाई और माइक्रो इरीगेशन को प्रोत्साहित करने की मॉडल योजना बनाई जायेगी। इस पर अनुदान देने का भी मॉडल फार्मूला बनाया जायेगा। हर जिले में आदर्श प्रदर्शन प्रक्षेत्र विकसित होगा। *किसानों को क्षेत्र विशेष की फसल लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा।* खेती को आधुनिक बनाने के लिये मैदानी कृषि अमले को प्रशिक्षित किया जायेगा। *कृषि विज्ञान केन्द्रों को सुदृढ़ बनाया जायेगा और कृषि स्नातकों को भी इससे जोड़ा जायेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्व.चालित वर्षा मापक यंत्र लगाया जायेगा।
*पोस्ट हार्वेस्ट मेनेजमेंट इंस्टीट्यूट की स्थापना की जायेगीए ताकि कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन हो सके।*एग्रो फारेस्ट्री के लिये अलग से नीति बनाई जायेगी। *पशुपालन, मछलीपालन पर आधारित आदर्श योजनाएँ बनाई जायेगी। *किसानों को खेती संबंधी आवश्यक जानकारी देने के लिये एसण्एमण्एसण् सेवा शुरू की जायेगी। भविष्य में मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाई जायेगी।
*एग्री बिजनेस को बढ़ावा देने के लिये खाद्य प्र.संस्करण इकाइयों की स्थापना की जायेगी। इसके लिये खाद्य प्र.संस्करण इकाइयों के क्लस्टर स्थापित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन अनुशंसाओं के आधार पर कार्य.योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सूखे की चुनौती को अवसर के रूप में बदलेंगे। कृषि की दिशा और दशा को और बेहतर बनायेंगे। किसानों को संकट से स्थाई रूप से मुक्ति दिलाई जाएगी।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें