श्रीनगर 4FEB.2013//। कट्टरपंथियों की धमकियों के बीच कल तक अडिग नजर आ रहीं, कश्मीर का पहला रॉक बैंड 'परगाश' बनाने वाली तीनों लड़कियों ने सोमवार को कथित तौर पर न सिर्फ अपने बैंड, बल्कि संगीत से भी तौबा कर ली। बावजूद इसके इस मामले में विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बैंड के खिलाफ रविवार को फतवा जारी करने वाले कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम बशीरुद्दीन ने भी सोमवार को अपना स्टैंड दो बार बदला। वहीं तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठनों बैंड के खिलाफ फतवे की निंदा की है।
परगाश की तीनों लड़कियां व उनके परिजन इस समय किसी से बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनके एक निकट संबंधी ने दावा किया कि फतवे के बाद बच्चियों ने बैंड बंद कर दिया है। उन्होंने भविष्य में दोबारा किसी भी तरह से गीत-संगीत से वास्ता रखने से भी इन्कार कर दिया है। मुफ्ती बशीरुद्दीन ने दैनिक जागरण से कहा कि नाच-गाने की इस्लाम में कोई जगह नहीं है। औरतों पर तो पूरी मनाही है। मैने फतवा जारी किया और मुझे खुशी है कि तीनों लड़कियों ने अपने गुनाह से तौबा करते हुए बैंड बंद कर दिया है। जब उनसे कहा गया कि दोपहर को आपने कहा था कि मैने फतवा नहीं सिर्फ सलाह दी है। इस पर बशीरुद्दीन ने कहा कि मैने ऐसा कुछ नहीं कहा है। नाच-गाना चाहे किसी भी रूप में हो, गैर-इस्लामिक है। जो इसका समर्थन करेगा, वह गैर-इस्लामिक होगा।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहले लड़कियों का समर्थन किया था, मगर अब वे चुप हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह अनावश्यक विवाद है। इसे तूल नहीं देना चाहिए। महिला अलगाववादी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की अध्यक्ष आसिया अंद्राबी ने कहा कि नाच गाना पूरी तरह गैर-इस्लामिक है। अगर उन्होंने अपने गुनाहों से तौबा नहीं की तो हम उनका सामाजिक बहिष्कार करेंगे।
बैंड के खिलाफ फतवे के खिलाफ जम्मू में भी आवाज बुलंद हुई। प्रदेश भाजपा और नेशनल पैंथर्स पार्टी ने इसे कश्मीर में शांति भंग करने की साजिश बताया। यूथ कांग्रेस ने भी ऐसे तत्वों को सामने लाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर जोर दिया है
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'बशीरुद्दीन कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम नहीं हैं। वह स्वयंभू और सरकारी मुफ्ती-ए-आजम हैं, लोग नहीं मानते। उन्हें फतवे से परहेज करना चाहिए, क्योंकि उनके फतवों से समाज में अराजकता ही फैलेगी।'
* एयाज अकबर, हुर्रियत कांफ्रेंस, कट्टरपंथी गुट
'धर्म के नाम पर कुछ भी कहने से धर्म का कोई भला नहीं होने वाला। आपको गाना अच्छा नहीं लगता, न सुनें, लेकिन धर्म के नाम पर उन्हें रोकना ठीक नहीं है।'
-नजमा हेपतुल्ला, भाजपा सांसद
'सरकार को इस मामले में दखल देनी चाहिए। लड़कियों को फेसबुक पर कुछ लोगों ने धमकी दी है। यह समस्या सुलझाए जाने की जरूरत है।'
महबूबा मुफ्ती, अध्यक्ष, पीडीपी
'आजादी के इतने सालों बाद अगर हम लड़कियों को कोई काम करने से रोकते हैं तो यह दोहरी मानसिकता है। हम लड़के-लड़कियों को बराबर भी कहते हैं और लड़कियों पर पाबंदी भी लगाते हैं। यह गलत है।'
-ममता शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग
'हम हमेशा कहते रहे हैं कि चाहे कट्टर हिंदुओं की विचारधारा हो, या कट्टर मुसलमानों की, यह देश को 18वीं सदी की ओर ले जाएगी। हम ऐसी बातों का समर्थन नहीं कर सकते।'
*दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव
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