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सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

कलम-कूची से यौन हिंसा का विरोध

भारत के नामी डिज़ाइनर और चित्रकारों ने कला के माध्यम से यौन हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई 'रेज़िस्ट' नाम की प्रदर्शनी में. अंजोली इला मेनन के इस चित्र का नाम है ‘शेम’.दिसंबर में दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की बर्बर घटना के बाद इस प्रदर्शनी के बारे में सोचा गया. ऐलेक्स डेविस की इस इन्स्टॉलेशन का नाम है ‘स्टॉप’, पेंटिंग चित्रकार अर्पणा कौर की है, शीर्षक है ‘स्ट राजधानी दिल्ली की ‘एनजेन्डर्ड गैलरी’ में कालाकारों के काम को संजोया माएना मुखर्जी ने. दुर्गा कैंठोला के इस चित्र का नाम है ‘लेडी गागा’.इस प्रदर्शनी को 14 फरवरी तक देखी जा सकती है. बलबीर कृष्ण ‘द वुमेन इनसाइड - द फेबल ऑफ शिव, मोहिनी एन्ड हरिहर’.डिज़ाइनर मनीश अरोड़ा ने अपने काम को नाम दिया – ‘गर्ल अनइंटरपटिड’. डिज़ाइनर्स सत्या पॉल, अर्जुन मोदी और तरुण तहलियानी ने भी इस प्रदर्शनी में हिस्सा लिया.अर्जुन सलूजा और ऊर्वशी कौर की इस इन्स्टॉलेशन का नाम है ‘जेंडर इन द ब्लेंडर’, इसमें स्कलप्चर बनाया है आदिल कान ने.इस इंस्टॉलेशन पर काम कर रहीं मिट्ठू सेन ने इसे शीर्षक दिया ‘आई कन्ट इमैजिन’.बहुचर्चित डिज़ाइनर्स गौरी और नयनिका की इन्स्टॉलेशन ‘बिटवीन द ऑल्टर एन्ड द बुचर: मीट’ के साथ स्कलप्चर बनाया है पुनीत कौशिक ने.



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Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 10:21 am Kategori:

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