नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तानी फौज के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। भारत के दबाव के बाद दोनों मुल्कों के बीच ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग तो हुई, लेकिन इस चर्चा में कोई हल नहीं निकल सका है। दोनों देशों की फौज ने प्रेस रिलीज में दावा किया है कि उसने पड़ोसी मुल्क से कड़ा विरोध जाहिर किया है। लेकिन सही वक्त पर सही कार्रवाई करने के भारतीय सेना प्रमुख जनरल विक्रम सिंह के बयान के बाद पाकिस्तान ने पीओके में सरहद पर मौजूद कुछ गांवों को खाली कराया है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने सीमा पर तोपखाना रेजिमेंट को भी तैनात कर दिया है। हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन पाकिस्तान सेना ने ये जरूर कहा है कि फायरिंग से लोगों को बचाने के लिए कुछ गांव खाली कराए गए हैं। जाहिर है तनाव बना हुआ है।
दरअसल भारत पाक सीमा पर हलचल तेज होती जा रही है। ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग के बाद खबर है कि पाकिस्तान ने PoK के कई गांव खाली कराए हैं। सूत्रों की माने तो पाकिस्तान ने 626 तोपखाना रेजिमेंट को तैनात कर दिया है। फ्लैग मीटिंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तान से दो टूक कह दिया है कि शहीद लांस नायक हेमराज का सिर हर हाल में वापस चाहिए। लेकिन पाकिस्तान ने अपने पास शहीद का सिर होने से साफ इनकार कर दिया।
इसके बाद फ्लैग मीटिंग सिर्फ 20 मिनट में बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। इससे पहले सेना प्रमुख जनरल विक्रम सिंह सख्त लहजे में पाकिस्तान को ताकीद दे चुके थे। सेना प्रमुख के मुताबिक अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो भारतीय सेना सही वक्त पर मुकम्मल जवाब देगी। जनरल विक्रम सिंह ने पाकिस्तानी फौज की अमानवीय कार्रवाई में आतंकवादियों के शामिल होने का भी शक जताया है। इससे पहले ये बात सामने आ चुकी है कि घटना वाले दिन यानी 8 जनवरी से तकरीबन एक हफ्ते पहले लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद को निंयत्रण रेखा के करीब देखा गया था। उधर, पाकिस्तान की बर्बर कार्रवाई को लेकर कांग्रेस का रुख सख्त है। लेकिन अंतिम दारोमदार भारत सरकार पर है। फ्लैग मीटिंग के बाद से सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। परंतु तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच फिलहाल सीमा पर तनाव कायम है।
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