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शनिवार, 5 जनवरी 2013

दिल्‍ली गैंगरेप: चार्जशीट के ऊपरी पेज में 'दफा 302' नहीं

भाषा | नई दिल्‍ली, 5 जनवरी 2013

दिल्‍ली गैंगरेप की वारदात के बाद देशभर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम कसने के उपाय तलाशे जा रहे हैं. दूसरी ओर, गैंगरेप मामले में ही दिल्ली पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है.ऊपरी पन्‍ने से हत्‍या की धारा गायब
3 जनवरी को जो चार्जशीट दिल्ली पुलिस ने फाइल की, उसके ऊपरी पन्ने से हत्या का आरोप गायब है.

पुलिस ने स्‍वीकार की गलतीदिल्ली पुलिस ने अदालत में स्वीकार किया कि गैंगरेप के बाद हत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ वह हत्या के गंभीर आरोप का जिक्र करना भूल गई. उसने इसे ‘टाइपिंग की गलती’ होने का दावा करते हुए तवज्जो नहीं दिया.
टाइपिंग में गलती का मामलापुलिस ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नम्रिता अग्रवाल से कहा कि आरोपपत्र में धारा 302 का जिक्र करना भूल गई. पुलिस ने कहा कि यह टाइप में गलती का मामला है. आरोपपत्र पर गौर करने के कुछ मिनट के अंदर टाइप की यह गलती सामने आई. लोक अभियोजक राजीव मोहन ने कहा, ‘आरोपपत्र में हमने धारा 302 का जिक्र किया है और अंतिम हिस्से में भी इसका जिक्र है, जहां हमने हत्या और अन्य धाराओं के तहत सुनवाई की मांग की है.’ उन्होंने कहा, ‘गलती में सुधार के लिए हम आवेदन देना चाहते हैं. यह टाइपिंग की गलती का मामला है.’ 
पूरक आरोपपत्र की जरूरत नहींपुलिस ने कोर्ट से गुजारिश की कि वह चार्जशीट में एक सप्लीमेंट्री पेपर एड करना चाहती है, मगर कोर्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया. कोर्ट ने कहा कि जब वो पूरी चार्जशीट पर खुद संज्ञान ले रही है, तो पुलिस की ओऱ से अलग से याचिका की जरूरत नहीं है.
7 जनवरी को 'दरिंदों' की पेशी
इस बीच, पुलिस की दाखिल चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी आरोपी 7 जनवरी को कोर्ट में पेश हों. इन आरोपियों को 7 तारीख को 12 बजे के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा. जिन 5 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है, उनमें राम सिंह, उसका भाई मुकेश और उसके सहयोगी पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर हैं.

चार्जशीट में पीड़ितों के बयानपुलिस की तरफ से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई. इस चार्जशीट में पीड़ित लड़की और उसके दोस्त के बयान हैं. दायर की गई चार्जशीट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में है, यानी ई-चार्जशीट है. पुलिस ने बताया है कि शनिवार को जो दस्तावेज पेश किए गए हैं, उसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट और दूसरे फोरेंसिक रिपोर्ट्स हैं.
अदालत ने लिया है संज्ञान
गौरतलब है कि अदालत ने 16 दिसंबर को पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है.

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Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 11:01 am Kategori:

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