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सोमवार, 27 अगस्त 2012

जब उड गई जबलपुर की नींद




 जबलपुर। बीती रात कुछ ऐसा हुआ कि संस्कारधानी कहे जाने वाले मप्र के शहर जबलपुर की नींद उड गई। शहर की कई इलाकों की सडकें डूबी रहीं। शायद मौसम के ऐसे मिजाज का अंदाजा किसी को न था। रात भर हुई झमाझम बारिश ने शहरियों को घर में कैद कर दिया और सडकों पर पसरा थी केवल कलकल करते पानी बहने की आवाज। बीच.बीच में कहीं मेंढकों के टर्राने की आवाज ीाी इस सन्नाटे को चीर रही थी। रात में हुई गरज.चमक के साथ बरसात से जब कुछ इलाकों में पानी भरा तो लोगों की नींद उड़ गई। शहर की कई सड़कें पानी भरने से काफी देर तक बंद रहीं।

इतना है,इतने की और जरुरत.
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 27-5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गयाए जबकि न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गयाए जो सामान्य था। विगत चौबीस घण्टों में 96.4 मिमी वर्षा दर्ज की गईए जो लगभग 4 इंच होती है। बारिश का कुल आंकड़ा 1229.6 मिमी अर्थात 48 इंच पर पहुंच गयाए जो गत वर्ष के आंकड़ों से ज्यादा है। गत वर्ष आज दिनांक तक कुल 1196.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। बारिश का औसत आंकड़ा पूरा करने के लिए महज चार इंच की और दरकार है। पूर्वानुमान है कि संभाग के जिलों में गरज.चमक के साथ तेज बौछार पड़ने की संभावना है।
  रुठे इंद्रदेव 
  मालवांचल के इंदौर,धार,झाबुआ व ग्वालियर चंबल संभाग में इंद्रदेव जैसे रुठे हों। धार जिले की कुछ तहसीलों में इंद्रदेव खासे मेहरबान रहे लेकिन जिला मुख्यालय अब तक सूखे जैसा ही है। यहां की नगरपालिका अब भी सप्ताह में एक दिन जलापूर्ति कर रही है। शहर के नदी.नाले किसी बारिश की विरह की आग में झुलस रहे हैं।

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