सूत्रों के मुताबिक, पन्ना में स्थापना दिवस समारोह के दौरान एक रुपए की भीख मांग रहे एक बच्चे को मंत्री मेहदेले द्वारा लतियाए जाने और दूसरे दिन उसे शराबी बता कर अपनी करतूत पर पर्दा डालने के प्रयास ने प्रदेश सरकार ही नहीं बिहार चुनाव पर फोकस किए हुए भाजपा व संघ दोनों की किरकिरी करा दी। मंत्री की इस करतूत ने संघ के सामाजिक सरोकार के प्रयासों को गहरा आघात पहुंचाया।
रांची में आयोजित संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में भी मेहदेले के इस कारनामे पर चर्चा हुई। इसी बैठक को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता में क्षेत्र संघ संचालक अशोक सोहनी ने मेहदेले के व्यवहार को असंवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि मंत्री के ऐसे बर्ताव को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सोहनी ने कहा कि संघ की सरकार पर नजर रहती है और जरूरत पड़ने पर संघ सरकार को सलाह भी देता है।
सीएम ने दी क्लीन चिट
संघ की इस नाराजगी के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुश्री मेहदेले को क्लीन चिट दे दी है। हालांकि सीएम इस मामले को लेकर मेहदेले से नाराज बताए गए। इसके चलते मेहदेले मंगलवार को आयोजित केबिनेट बैठक में भी नहीं पहुंची। बाद में वह मुख्यमंत्री से मिली और अपनी सफाई पेश की।
हालांकि सूत्रों का दावा है कि यह समूचा घटनाक्रम पूर्व निर्धारित था ताकि मेहदेले को मीडिया का सामना करने से बचाया जा सके। बताया जाता है कि मेहदेले की सफाई के बाद मुख्यमंत्री ने विवाद टालने के इरादे से उन्हें क्लीन चिट दे दी। दरअसल, सियासी कारणों के चलते ही मुख्यमंत्री इस मामले को तूल नहीं देना चाहते।
मेहदेले के खिलाफ कार्रवाई करने से न केवल सरकार की छवि खराब होगी, बल्कि गुरूवार को आयोजित राज्य विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में विपक्ष को बड़ा मुद्दा मिल जाएगा। वहीं मेहदले जिस सामाजिक वर्ग से आती हैं, उस वर्ग का सरकार में सिर्फ एक ही मंत्री है।
भिखारियों ने दी चेतावनी
इधर,राजधानी में दूसरे दिन भी रेलवे स्टेशन पर भिखारियों ने मंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। भिखारी उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार मंत्री को नहीं हटाती है तो सभी भिखारी सीएम हाउस के समक्ष प्रदर्शन करेंगे।
यह है मामला
गत एक नवंबर को प्रदेश के स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने पन्ना पहुंची सुश्री मेहदेले जब कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वहां से रवाना होने को थी तब ही 13-14 साल का एक भिखारी बच्चा उनके पैरों पर गिर कर एक रुपए मांगने लगा,लेकिन सत्ता के मद में चूर मंत्री ने उसे लात मार कर धकिया दिया। मंत्री को ऐसा करते देख मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने भी बच्चे पर हाथ आजमाए। कार्यक्रम में मौजूद किसी अज्ञात युवक ने इस समूचे घटनाक्रम को अपने मोबाइल फोन के जरिए रिकार्ड कर इसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। मंत्री की यह कारनामा मीडिया की सुर्खी बना तो सोमवार को मंत्री ने एक लिखित बयान जारी कर भीख मांगने वाले किशोर को शराबी युवक बता डाला।
उनके इस बयान ने आग में घी का काम किया। इस घटनाक्रम के बाद वीडियो वायरल करने वाला युवक व मंत्री की लात खाने वाला बच्चा दोनों सोमवार को गायब हो गए। बताया जाता है कि इस घटना के बाद बच्चे का पूरा परिवार सहम गया है। पीड़ित बच्चा पन्ना जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर हाटूपुर गांव का निवासी है जो मानसिक रूप से कमजोर है। आदिवासी परिवार के इस बच्चे के पिता मजदूर कर गुजर-बसर करते हैं।
इस विवाद के बाद चिंतित पिता ने सोमवार को बच्चे की काफी तलाश की। देर शाम उसके घर लौट आने पर परिवार ने राहत की सांस ली। बच्चे के पिता का कहना है कि वह बचपन से ही मानसिक रूप से कमजोर है। ठीक से बोल भी नहीं पाता और केवल इशारों से पैसे मांगता है। वह ऐसा करते हुए अक्सर लोगों के पैरों पर गिर जाता है। लात मारने की घटना पर कुछ भी कहने से बचते हुए उन्होंने कहा कि उसे तो केवल बेटे की चिंता हो रही थी और वह अब घर आ गया है। FOR MORE DETAIL CLICK HERE
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