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शनिवार, 4 मई 2013

घायल पाक कैदी को देखने पहुंचे पाक अधिकारी


Jammu 04 may//भारत से मिले दूतावास सहयोग की वजह से पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों की एक टीम शनिवार सुबह पीजीआई चंडीगढ़ में एक घायल
भारत प्रशासित जम्मू कश्मीर के जम्मू के कोट बलावल जेल में कैद पाकिस्तानी नागरिक सनाउल्लाह हक़ पर कुछ क़ैदियों ने जानलेवा हमला किया था.

भारत ने बीती रात पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को घायल कैदी से मुलाकात करने के लिए राजनयिक पहुंच की अनुमति दी थी. इसके लिए तीन अधिकारियों और एक ड्राइवर को यात्रा की इजाज़त दी गई थी.विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, “पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों ने चंडीगढ़ के अस्पताल में तड़के साढ़े तीन बजे घायल कैदी सनाउल्ला को देखा. उन्होंने उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों से भी मुलाकात की.”
पाकिस्तान के सियालकोट निवासी सनाउल्ला को इस घटना में घायल होने के बाद जम्मू के कोट बलावल जेल से तत्काल सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया था.
डॉक्टरों द्वारा उनकी हालत गंभीर बताए जाने के बाद उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमआर भेज दिया गया.
क्लिक करेंभारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत के एक दिन बाद सनाउल्ला पर हमले की घटना हुई. सरबजीत पर गत 26 अप्रैल को लाहौर जेल में छह कैदियों ने बर्बर हमला किया था. इस हमले में आई चोटों की वजह से वे कोमा में चले गए थे, बाद में उनकी मौत हो गई थी.

बदले की कार्रवाई

पाकिस्तानी नागरिक सनाउल्लाह हक़ पर हुए जानलेवा हमले को क्लिक करेंपाकिस्तान ने बदले की कार्रवाई बताते हुए गहरी चिंता जताई है.
पाकिस्तान ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर भारत सरकार से सनाउल्लाह को अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने और उसके उच्चायोग के अधिकारियों को कै़दी से मिलने की इजाज़त देने की मांग की थी.
पाकिस्तान ने भारतीय जेलों में बंद पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.
जम्मू से वरिष्ठ पत्रकार बीनू जोशी के अनुसार पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ इस कैदी पर हमला उस समय हमला हुआ जब वे घास काट रहे थे.
सनाउल्लाह हक पाकिस्तान के सियालकोट के निवासी हैं. उन्हें 17 साल पहले गिरफ़्तार किया गया था. उन पर हत्या समते कुल आठ मामले चल रहे हैं. इनमें से दो में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
भारतीय सेना के पूर्व सैनिक विनोद कुमार ने सनाउल्लाह पर जेल में घास काटने के दौरान हमला किया. वे इस जेल में पिछले छह साल से बंद हैं. लद्दाख तैनाती के दौरान विनोद पर अपने एक सहकर्मी की हत्या का आरोप था. कोर्ट मार्शल में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
इस घटना के बाद राज्य की 14 जेलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इन जेलों में 80 पाकिस्तानी नागरिक बंद हैं.

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Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 12:25 am Kategori:

2 comments:

MANOJ JOSHI ने कहा…
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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