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गुरुवार, 10 जनवरी 2013

खूब हुई धान,किसान हुए मालामाल



 रवि अवस्थी,भोपाल। बरसात के पिछले मौसम में प्रदेश भर में हुई जोरदार बारिश से धान की बंपर पैदावार आई है। इस पर  मनमाफिक दाम मिलने से धान उत्पादक किसान मालामाल हो गए हैं। लबालब भरे जलाशयों से रबी की फसल भी बेहतर रहने की उम्मीद है। जानकारों के अनुसार, इस बार धान की बंपर पैदावार है। इस पर अच्छी किस्म की धान बाजार में 27 सौ से 29 सौ रुपए क्विंटल तक बिक रही है। धान का सरकारी समर्थन मूल्य ही 1250 रुपए व उन्नत किस्म वाली धान का समर्थन मूल्य 1280 रुपए है। इस पर राज्य शासन की ओर से दिया जाने वाला बोनस मूल्य भी पचास से बढ़ा कर सौ रुपए कर दिया गया है। धान ही नहीं अन्य मोटे अनाज जैसे, ज्वार,बाजरा,मक्का भी हजार से 15 सौ रुपए प्रति क्विं टल की दर से बिक रही है। सरकारी खरीदी में ही अब तक करीब सवा आठ लाख मीट्रिक धान की खरीदी हो चुकी है और यह खरीदी अभी 31 जनवरी तक जारी रहेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि खरीदी जारी रहने तक यह आंकड़ा दस लाख मीट्रिक टन को पार कर जाएगा। बीते साल गेहंू की भी बंपर पैदावार रही थी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की माली हालत में अपेक्षाकृत सुधार आया है।
 अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में खरीफ व रबी की बंपर पैदावार के चलते राज्य की कृषि विकास दर 18 प्रतिशत से अधिक बढ़ने के आसार हैं। पिछले मौसम में राज्य भर में हुई जोरदार बारिश खेती में मददगार साबित हुई है। खरीफ की बात की जाए तो कुछ जिलों में सोयाबीन क ी फसल को नुकसान हुआ लेकिन अन्य मोटे अनाज वाली फसलों की आवक जोरदार रही। धान की बात की जाए तो चालू खरीफ सीजन के दौरान अब तक किसानों से 8 लाख 20 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। जिन किसानों से धान की खरीदी की गई है, उनकी संख्या डेढ़ लाख से अधिक है। खरीदे गये धान में से 7 लाख 11 हजार मीट्रिक टन का परिवहन कर उसका सुरक्षित भण्डारण किया जा चुका है। गत वर्ष 2011 में इस अवधि तक 6 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। मध्यप्रदेश को गेहूँ उपार्जन में मिली अपार सफलता को देखते हुए धान और अन्य मोटा अनाज की खरीदी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

प्रदेश में धान, मोटा अनाज (ज्वार, मक्का, बाजरा) का उपार्जन भी ई-प्रक्रिया से किया जा रहा है। अभी तक 7,838 मीट्रिक टन मोटा अनाज का उपार्जन भी हो चुका है। उपार्जन के लिये विगत 15 अगस्त से 15 सितम्बर के बीच किसानों का पंजीयन किया गया। शासन ने समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिये पंजीकृत किसानों को दिये जाने वाले बोनस की राशि को भी 50 रुपये को बढ़ाकर इस साल 100 रुपये किया है। धान के साथ ही मोटे अनाज के ई-उपार्जन की प्रक्रिया आगामी 31 जनवरी तक चलेगी।चालू खरीफ सीजन में धान और मोटा अनाज के लिये जिन किसानों ने अपना पंजीयन करवाया है, उनमें धान के विक्रय के लिये 3 लाख 8 हजार तथा मोटे अनाज के लिये 27 हजार किसान शामिल हैं। प्रदेश में इस साल 18 लाख 80 हजार मीट्रिक टन धान तथा 28 हजार मीट्रिक टन मोटे अनाज का उपार्जन होने का अनुमान है। पिछले साल 2011 में 9 लाख 40 हजार मीट्रिक टन धान तथा 17 हजार मीट्रिक टन मोटे अनाज का उपार्जन हुआ था। गत वर्ष एक लाख 80 हजार किसानों ने धान की फसल का विक्रय किया था। गत वर्ष की तुलना में चालू खरीफ वर्ष में धान और मोटा अनाज के समर्थन मूल्य में भी वृद्धि की गई है। पिछले साल किसानों से खरीदे गये सामान्य धान का मूल्य 1080 रुपये प्रति क्विंटल तथा उन्नत किस्म की धान का मूल्य 1110 रुपये प्रति क्विंटल था। इस साल सामान्य धान का समर्थन मूल्य 1250 रुपये प्रति क्विंटल तथा उन्नत किस्म की फसल का मूल्य 1280 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। पिछले खरीफ सीजन में मोटा अनाज (मक्का, ज्वार, बाजरा) का समर्थन मूल्य 980 रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं इस साल मक्का, ज्वार का समर्थन मूल्य 1175 रुपये प्रति क्विंटल तथा ज्वार का समर्थन मूल्य 1500 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

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Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 11:15 pm Kategori:

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