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गुरुवार, 10 जनवरी 2013

मुख्यमंत्री ने दिया शहीद की अर्थी को कांधा


मुख्यमंत्री ने दिया शहीद की अर्थी को कांधा





भोपाल,10 jan.। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों की कायराना कार्रवाई में शहीद हुए लांस नायक सुधाकर सिंह बघेल के गांव सीधी जिले के दढिय़ा पहुंचकर शहीद की अंतिम यात्रा में उनकी अर्थी को कांधा दिया। उन्होंने शव पर पुष्प चक्र अर्पित करते हुए नम आंखों से विदाई दी। बघेल का पार्थिव शरीर बुधवार को जबलपुर होते हुए दढिय़ा गांव ले जाया गया था। अंत्येष्टि के बाद शोक सभा में चौहान ने कहा कि हमें लांस नायक सुधाकर सिंह की जांबाजी पर गर्व है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कायराना कार्रवाई ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
काले कपड़े में घात लगा कर बैठे थे दुश्‍मन सैनिक
रविवार सुबह 9.35 बजे का वक्त। मेंढर के ननगी टेकरी का इलाका घने कोहरे से ढंका था। अपना हाथ भी दिखाई नहीं दे रहा था। सरहद की सुरक्षा में 13 राजस्थान रायफल्स के चार जवान धुंध को चीरते हुए आगे बढ़ रहे थे। सोनागली चौकी के पास पाकिस्तानी फौज के 653 मुजाहिद रेजीमेंट के सैनिक काले कपड़े में घात लगाकर बैठे थे। वे अपने लबादे में असलहा छुपाए हुए थे। भारतीय गश्ती दल लांसनायक हेमराज और लांसनायक सुधाकर सिंह की अगुवाई में आगे बढ़ रहा था धुंध की वजह से लांस नायक हेमराज और उनके सहयोगी ने उन्हें रुवाइयां गाने वाले स्थानीय असबादी समझा। लेकिन मुजाहिद रेजीमेंट के सैनिकों का मकसद तो कुछ और था। भारतीय गश्ती दल की बख्तरबंद गाड़ी जैसे ही आगे बढ़ी, पीछे से उन लोगों ने हमला बोल दिया। 
जल्दी लौटकर आता हूं 
रिपोर्ट में यह जिक्र भी है कि सुबह करीब 9.30 बजे जब गश्त के लिए हेमराज अपने साथियों के साथ निकल रहे थे तो उन्होंने चौकी पर मौजूद अपने दूसरे साथियों से कहा कि राउंड मारकर जल्द लौटते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तानी सैनिक ने इन दोनों शहीदों के शव के साथ बर्बर और अमानवीय तरीके का व्यवहार किया।पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम के उल्लंघन और घुसपैठ का यह पहला वाकया नहीं है। 2010 में 44 मामले सामने आए थे, 2011 में 53 , 2012 में 75 और 2013 के शुरुआत में ही दो मामले आए हैं। एमआईए ने घुसपैठ की जांच शुरू की मल्टीइन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एमआईए) ने पाकिस्तान की ओर से हुए घुसपैठ की जांच शुरू
कर दी है। जांच का विषय यह है कि आईबी, रॉ, मिलिट्री इंटलीजेंस ब्यूरो के अलावा खुफिया विभाग से कहां चूक हुई। खुफिया विभाग ने गृह मंत्रालय को यह सूचना पहले दी थी कि बदलते मौसम और बर्फ जमने के साथ पाकिस्तान घुसपैठ बढ़ा सकता है तो चूक कैसे हुई। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी फौज के मुखिया जनरल कयानी इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देने में माहिर हैं। 

वे आतंकी संगठनों की मदद लेने से भी परहेज नहीं करते। असल में संदेह यह भी है कि 653 मुजाहिद रेजीमेंट के पाकिस्तानी सैनिक, जिनके कुछ सामान भी भारतीय सीमा में छूट गए हैं, क्या सही में फौजी थे या फिर आतंकी। इन तमाम मामलों पर गहनता से जांच शुरू हो गई है।
70 साल की बुढ़िया का सीमा पार करना बना सैनिकों की मौत की वजह?
अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या की पृष्ठभूमि में एलओसी के उत्तरी छोर पर भारतीय सैनिकों का बंकर बनाना है। दरअसल हाल ही में एक 70 वर्षीय महिला सीमापार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहे रहे अपने बेटों के पास रहने के लिए एलओसी के पार चली गई थी। इस बुजुर्ग महिला के आसानी से सीमापार करने ने सीमा पार से घुसपैठ की संभावना को भी उजागर कर दिया था। 
सितंबर में सीमा पर बसे गांव चारौंडा की रहने वाली 70 वर्षीय रेशमा बी सीमापार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर रह रहे अपने बेटे और नाती-पोते का पास चली गई थी। रेशमा बी और उनका पतिन इब्राहिम लौहार अपने बेटों के सीमापार करके पाकिस्तान में बस जाने के बाद भी चरौंडा गांव में ही रह रहा था। रेशमा बी के आसानी से सीमा पार करने ने उरी सेक्टर में सेना मुख्यालय में खलबली मचा दी थी। 
रेशमा बी के सीमा पार करने के एक सप्ताह के भीतर ही 9 मराठा रेजीमेंट के जवानों ने चरौंडा गांव के पास सीमा पर नजर रखने के लिए बंकर बनाना शुरू कर दिया था। भारतीय सेना का यह बंकर बनाना 2003 के संघर्षविराम की शर्तों का उल्लंघन था। पाकिस्तान के विरोध के बाद भी भारत ने यह बंकरों का काम चालू रखा जिससे दोनों और तनाव बढ़ गया। भारतीय सैनिकों की मौत के पीछे हाफिज सईद?
खुफिया विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा का मुखिया हाफिज मुहम्मद सईद ने भारतीय सैनिकों पर हमले से लगभग एक हफ्ते पहले ही पुंछ से  सटी लाइन ऑफ कंट्रोल में था। अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक वह यहां पाकिस्तानी सैनिकों की भावनाएं भड़काने आया था। हाफिज सईद का उद्देश्य पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम की गतिविधियों को हवा देना था। मेंढर सेक्टर, जहां भारतीय सैनिकों पर हमला हुआ और शव क्षत-विक्षत कर दिए गए पूंछ के इसी इलाके में आता है। 
आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक 772 किलोमीटर लंबी एलओसी पर बारूदी सुरंगों का फटना जारी है। पाकिस्तान की ओर से फायरिंग में भारतीय सैनिकों की जानें भी गईं हैं। यही नहीं भारतीय  सीमा में घुसपैठ की कोशिशें भी लगातार जारी है। यानि पाकिस्तान एक बार फिर से आतंकवादी गतिविधियां बढ़ा रहा है। हाफिज सईद की मौजूदगी के खुफिया अलर्ट में एलओसी पर पाकिस्तानी सेना और बॉर्डर एक्शन टीम की गतिविधियों में इजाफा होने की संभावना भी जताई गई थी।
पाकिस्तान की एसएसजी का हो सकता है हमले में हाथ?
'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक एलओसी पर हुआ हमला पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) की कारसतानी हो सकता है। एसएसजी पाकिस्तानी सेना की कमांडो यूनिट है। इसके सैनिक आमतौर पर काली वर्दी पहनते हैं। सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ताजा हमला फरवरी 2000 में इलियास कश्मीरी के नेतृत्व में हुए हमले जैसा है। इलियास कश्मीरी अमेरिकी ड्रोन हमलों में मारा जा चुका है। भारतीय सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इलियास कश्मीरी भी एसएसजी का कमांडो था। 
सेना द्वारा सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी हमलावर सैनिक काली यूनीफॉर्म पहने हुए थे। एसएसजी के कमांडो भी काली यूनीफॉर्म ही पहनते थे। भारत के साथ हुए तमाम युद्धों में एसएसजी की बेहद सक्रिय भूमिका रही है। यही नहीं 1980 में अफगानिस्तान में रूस के खिलाफ मुजाहिद युद्ध में भी एसएसजी सक्रिय रही है। यह भारतीय सीमा पर कई ऑपरेशन चला चुकी है। 
गौरतलब है कि 27 फरवरी 2000 को अशोक पोस्ट पर हमला हुआ था। इस हमले में 7 भारतीय सैनिकों की मौत हुई थी। जवान भाऊसाहेब मारुति तालेकर (24) का सिर कलम कर दिया गया था। पाकिस्तानी मीडिया की तत्कालीन रिपोर्टों के मुताबिक इलियास कश्मीरी सैनिक के सिर को अपने साथ ले गया था और इसे जनरल परवेज मुशर्रफ के समक्ष पेश किया गया था। यही नहीं पाकिस्तान के स्थानीय इलाकों में इस सिर को घुमाया भी गया था। 
मंगलवार को भारतीय सैनिकों पर हुए हमलों को फरवरी 2000 में हुए हमले जैसा ही माना जा रहा है। इस बार भी पाकिस्तान ने एक सैनिक का सिर काट लिया जबके दूसरे सैनिक का सिर ले जाने में वह नाकाम रहे। पाकिस्तानी सैनिक दोनों जवानों के हथियार भी ले गए। इस हमले में एक भारतीय सैनिक घायल भी हुआ है। 
 with courtsey from Bhaskar

हमले में शहीद हुए हेमराज को 5 वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि
मथुरा : जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान सीमा पर शहीद हुए मथुरा के लांसनायक हेमराज सिंह का देर रात यहां अंतिम संस्कार कर दिया गया। गौर हो कि कि इस घटना में शहीद हुए दो भारतीय सैनिकों में से एक उत्तरप्रदेश के मथुरा जनपद के हरियाणा से सटे गांव शेरनगर-खरार का रहने वाला था ।

उसका पार्थिव शरीर रात करीब आठ बजे यहां पहुंचा। गांव में हजारों लोगों की उपस्थिति में उनके पांच वर्षीय पुत्र प्रिंस ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर सेना,पुलिस व प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे । (एजेंसी) 

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Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 12:13 am Kategori:

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