नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का आज गुडगाँव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। गुजराल कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। 93 साल के गुजराल 11 महीने (मार्च 1997 से अप्रैल 1998) तक भारत के प्रधानमंत्री के पद पर रहे थे। गुजराल के बेटे एवं सांसद नरेश गुजराल ने उनके गंभीर रूप से बीमार होने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि गुजराल एक साल से डायलिसिस पर थे। कुछ दिनों पहले उनके फेफड़े में गंभीर संक्रमण हो गया था। उनका शनिवार को दिल्ली में अंतिम संस्कार होगा।
विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आए गुजराल भारत के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। 1950 के दशक में वे एनडीएमसी के अध्यक्ष बने और उसके बाद केंद्रीय मंत्री बने और फिर रूस में भारत के राजदूत भी रहे। अच्छे पड़ोसी संबंध को बनाए रखने के लिए गुजराल सिद्धांत का प्रवर्तन करने वाले गुजराल कांग्रेस छोड़कर 1980 के दशक में जनता दल में शामिल हो गए। गुजराल 1989 में वीपी सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय मोर्चा सरकार में विदेश मंत्री बने। विदेश मंत्री के तौर पर इराकी आक्रमण के बाद वे कुवैत संकट के दुष्परिणामों से निपटे जिसमें हजारों भारतीय विस्थापित हो गए थे।
एचडी देवेगौड़ा की सरकार में गुजराल दूसरी बार विदेश मंत्री बने और बाद में जब कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया तो 1997 में वह प्रधानमंत्री बने। लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह और अन्य नेताओं सहित संयुक्त मोर्चे की सरकार में गंभीर मतभेद होने के बाद वह सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभरे।
यह अलग बात है कि उनकी सरकार कुछ महीने ही चली क्योंकि राजीव गांधी की हत्या पर जैन आयोग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस फिर असंतुष्ट हो गई। पाकिस्तान के झेलम शहर में चार दिसम्बर 1919 को जन्मे गुजराल स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से थे और कम उम्र में ही सक्रिय रूप से स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था। वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वह जेल गए थे। डीएवी कॉलेज, हेली कॉलेज ऑफ कॉमर्स और फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज लाहौर (अब पाकिस्तान में) से शिक्षित गुजराल ने छात्र राजनीति में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। वह अप्रैल 1964 में राज्यसभा के सदस्य बने और उस समूह के सदस्य बने जिसने 1966 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने में सहयोग किया था। जब आपातकाल लागू हुआ (25 जून 1975) तो वह सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे जिसमें मनमाने तरीके से प्रेस सेंसरशिप लगा था, लेकिन उन्हें जल्द ही हटा दिया गया।
गुजराल 1964 से 1976 के बीच दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे, 1989 और 1991 में लोकसभा के सदस्य रहे। पटना लोकसभा सीट से उनका निर्वाचन रद्द होने के बाद लालू प्रसाद के सहयोग से वह 1992 में राज्यसभा के सदस्य बने। वह 1998 में पंजाब के जालंधर से लोकसभा में अकाली दल के सहयोग से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुने गए।
उनकी सरकार का विवादास्पद निर्णय 1997 में उत्तरप्रदेश में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करना था। तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने उस पर दस्तखत करने से इंकार कर दिया और पुनर्विचार के लिए इसे सरकार के पास वापस भेज दिया। गुजराल की पत्नी शीला कवयित्री और लेखिका थीं जिनका निधन 2011 में हो गया। उनके भाई सतीश गुजराल मशहूर पेंटर और वास्तुविद हैं। उनके परिवार में दो बेटे हैं जिनमें एक नरेश गुजराल राज्यसभा के सदस्य और अकाली दल के नेता हैं।
शुक्रवार, 30 नवंबर 2012
नहीं रहे पूर्व पीएम इंद्र कुमार गुजराल
Lainnya dari

Ditulis Oleh : Janprachar.com Hari: 5:49 am Kategori:
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Entri Populer
-
नई दिल्ली । दिल्ली गैंगरेप के आरोपियों को नपुंसक बनाने यानि बधिया करने संबंधी कांग्रेस के प्रस्ताव के बाद इस मामले में नई बहस शुरु हो गई ह...
-
राजकुमार अवस्थी , भोपाल/ सरकार द्वारा देह व्यापार के कारोबार में लिप्त समाजों के उत्थानों के लिए करोड़ों की राशि हर वर्ष खर्च की जाती है, ल...
-
ईरान ने कहा है कि उसने एक बंदर को अंतरिक्ष भेजने में सफलता प्राप्त की है. ईरानी रक्षा मंत्रालय के अनुसार बंदर को पिशगाम रॉकेट पर 120 किल...
-
Stockholm: A cleaner stole an empty commuter train from a depot on Tuesday and drove it to a suburb of Stockholm where it derailed and sl...
-
मुंबई। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे का दिल का दौरा पड़ने से शनिवार को निधन हो गया। मातोश्री के बाहर आकर डॉक्टरों ने बताया कि बाल ठाकरे क...
-
शुक्रवार, 4 जनवरी, पाकिस्तान से मिल रही खबरों के अनुसार मियाँदाद दिल्ली में होने वाले मैच को देखने के लिए अब नहीं आएंगे. ...
-
भोपाल।राज्य शासन के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सरकारी कार्यक्रम के अलावा निजी संस्था, संगठन (एन.जी.ओ.) या व्यक्तियों द्वारा आयोजित समारोह ...
-
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर अब इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला ने भी हमला बोल दिया है...
-
नई दिल्ली15 april 2013। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बीजेपी और जेडीयू में खटास बढ़ती ही जा रही है। बीजेपी ने साफ किया...
-
श्री हनुमान महायोगी और साधक हैं। श्री हनुमान के चरित्र के ये गुण संकल्प, एकाग्रता, ध्यान व साधना के सूत्रों से जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने...
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें